Hindi Stories & Poem
बहुत दिनों के बाद
बहुत दिनों के बाद
आज, गौरैया
तुम आंगन आईं।
नहीं चमकती
आँखों में अब
अल्हड़पन का
भाव दिखा
सहमे-सहमे
पंख तुम्हारे
बहुत दिनों के बाद
आज, गौरैया
तुम आंगन आईं।
नहीं चमकती
आँखों में अब
अल्हड़पन का
भाव दिखा
सहमे-सहमे
पंख तुम्हारे